अरे !“नहीं, मैं तो बैडबाय कहूँगी इस कोरोना काल को “और किरण खिलखिला पड़ी। अरे !“नहीं, मैं तो बैडबाय कहूँगी इस कोरोना काल को “और किरण खिलखिला पड़ी।
मेरी पहली रचना, 'माँ' एक ऐसी कविता थी जिसकी आज भी मेरे दिल में एक ख़ास जगह है।वैसे तो म मेरी पहली रचना, 'माँ' एक ऐसी कविता थी जिसकी आज भी मेरे दिल में एक ख़ास जगह है।वै...
मैं खुद में ही सोचने लगी, "पता नहीं, लोगों को खुद की जिन्दगी से ज्यादा दूसरों की जिन्दग मैं खुद में ही सोचने लगी, "पता नहीं, लोगों को खुद की जिन्दगी से ज्यादा दूसरों की...
मैने खिड़की से धरती का नज़ारा देखा, स्वर्ग जैसा नज़ारा अति रमणीय था। मैने खिड़की से धरती का नज़ारा देखा, स्वर्ग जैसा नज़ारा अति रमणीय था।
अपरिहार्य स्थिति में पापा को वही काम आते। अपरिहार्य स्थिति में पापा को वही काम आते।